साल 1986, मुंबई की किसी शूटिंग लोकेशन पर एक नौजवान लड़का खड़ा था – दुबला-पतला, शर्मीली मुस्कान वाला – नाम था सलमान खान। वहीं, कैमरे के दूसरी तरफ खड़ी थीं संगीता बिजलानी – ऊँची कद-काठी, आत्मविश्वास से लबरेज़, और हाल ही में मिस इंडिया बनीं। एक विज्ञापन शूट की ये पहली मुलाकात, धीरे-धीरे एक गहरी दोस्ती में बदल गई… और फिर, कब मोहब्बत हो गई, दोनों को पता ही नहीं चला।
प्यार परवान चढ़ा
वो दिन थे जब सोशल मीडिया नहीं था, लेकिन अख़बारों और फिल्मी मैगज़ीनों में सलमान और संगीता की जोड़ी चर्चा का विषय बन चुकी थी। दोनों साथ में पार्टीज़ में आते, इवेंट्स में एक-दूसरे का हाथ थामे नज़र आते। सलमान के लिए ये पहला गहरा रिश्ता था, और संगीता के लिए भी ये किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था।
वक़्त बीता… और बात शादी तक पहुंच गई।
शादी तय थी, कार्ड छप चुके थे…
27 मई 1994 – यही वो तारीख़ थी जो दोनों की ज़िंदगियों को हमेशा के लिए जोड़ने वाली थी। शादी के कार्ड भी छप चुके थे। घरवाले तैयार थे, बॉलीवुड भी उत्साहित था।
लेकिन फिर सब कुछ थम गया।
कहते हैं ना, जब किस्मत को कुछ और मंज़ूर हो, तो लाख कोशिशों के बाद भी चीज़ें नहीं हो पातीं। सलमान की जिंदगी में कोई तीसरा आ चुका था – अभिनेत्री सोमी अली। संगीता को सब पता चल गया। और उस एक सच्चाई ने उस प्यार को चकनाचूर कर दिया, जो शादी तक पहुंच चुका था।
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रिश्ता टूटा, लेकिन इज़्ज़त बरकरार रही
शादी नहीं हुई। दोनों के रास्ते अलग हो गए। संगीता ने बाद में क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन से शादी की, जो आगे चलकर टूटी। सलमान की जिंदगी में कई नाम आए – ऐश्वर्या, कैटरीना, लेकिन कोई भी रिश्ता मंज़िल तक नहीं पहुंचा।
लेकिन जो बात सबसे खास रही – वो ये कि सलमान और संगीता के बीच कभी कड़वाहट नहीं आई। वक्त के साथ, उनका रिश्ता मोहब्बत से दोस्ती में बदल गया। एक सुकून भरा रिश्ता, जिसमें कोई शिकवा नहीं था… बस तजुर्बा था।
65वें जन्मदिन पर फिर से मिले दोनों…
10 जुलाई 2025, मुंबई के एक आलीशान होटल में संगीता का 65वां जन्मदिन मनाया जा रहा था। पार्टी में बॉलीवुड के कई सितारे आए। लेकिन जैसे ही सलमान खान की कार पोर्च में आकर रुकी – कैमरों की फ्लैश लाइट्स जल उठीं।
ब्लैक टी-शर्ट और जीन्स में सलमान, पहले जैसे ही कूल और शांत। पार्टी में उन्होंने सबसे पहले संगीता को ढूंढा और जब दोनों आमने-सामने आए, तो एक पल को समय थम गया।
दोनों ने साथ में तस्वीरें खिंचवाईं, मुस्कुराते हुए। आंखों में कोई मलाल नहीं था… बस पुरानी यादों की मिठास थी। सलमान ने एक छोटे बच्चे को झुककर आशीर्वाद भी दिया – और फिर मीडिया ने उन्हें कहा – “जेंटलमैन सलमान।”
एक अधूरी मोहब्बत, जो मिसाल बन गई
सलमान और संगीता की कहानी हमें सिखाती है कि हर प्यार को शादी का नाम नहीं मिलता, लेकिन हर रिश्ता खत्म नहीं होता।
उनकी मोहब्बत मुकम्मल नहीं हुई, लेकिन इज़्ज़त और अपनापन आज भी जिंदा है।
आज जब सोशल मीडिया पर उनकी 39 साल पुरानी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, तो वो महज़ तसवीरें नहीं – वो एक अधूरी मगर खूबसूरत दास्तान का आइना हैं।
शायद ये कहानी किसी फिल्म का अंत नहीं है शायद ये वो स्क्रिप्ट है, जिसमें ‘THE END’ के बजाय लिखा गया है – “To be continued… in respect, in reminiscences, and in silent smiles.”