विभु राघवे, जिनका असली नाम वैभव कुमार सिंह राघवे था, ने भारतीय टेलीविज़न की दुनिया में “निशा और उसके कज़िन्स” (2014) में सौरव की भूमिका निभाकर दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। इस शो में उनका किरदार बेहद संवेदनशील, समझदार और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ा हुआ था, जिसने उन्हें लोकप्रियता की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
इसके अलावा विभु ने “सुव्रीन गुग्गल – टॉपर ऑफ द ईयर” और “सावधान इंडिया” जैसे धारावाहिकों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वे सिर्फ हिंदी टीवी शोज़ तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने अंग्रेज़ी फिल्म “यादवी – द डिग्निफाइड प्रिंसेस” में भी अभिनय किया, जो उनके बहुआयामी टैलेंट को दर्शाता है।
निजी जीवन: सकारात्मक सोच और गहरे रिश्तों का प्रतीक
विभु राघवे न सिर्फ एक उम्दा कलाकार थे बल्कि एक बेहद नेकदिल इंसान भी थे। उनका स्वभाव हमेशा सकारात्मक और ऊर्जा से भरपूर रहता था। वे टीवी इंडस्ट्री के कई जाने-माने सितारों जैसे मोहित मलिक, आदिति मलिक, सिम्पल कौल, सौम्या टंडन और अनेरी वजानी के बेहद करीबी मित्र थे।
उनका यह मजबूत सामाजिक नेटवर्क, खासतौर पर उनके जीवन के कठिन समय में, उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा। विभु हमेशा अपने दोस्तों और चाहने वालों का आभार प्रकट करते थे, जिन्होंने मुश्किल समय में उनका हौसला बढ़ाया।
कैंसर से लड़ाई: बहादुरी और उम्मीद की मिसाल
साल 2022 की शुरुआत में विभु को स्टेज 4 न्यूरोएंडोक्राइन कोलन कैंसर का पता चला, जो कि आंत का एक बेहद दुर्लभ और आक्रामक प्रकार है। यह खबर उस समय आई जब उन्होंने हाल ही में अपने पिता को खोया था।
इसके बावजूद, विभु ने अपने इलाज की कठिन राह को बड़े हौसले के साथ स्वीकार किया। उन्होंने मुंबई के टाटा मेमोरियल और नानावटी अस्पताल में इलाज कराया और कई जटिल सर्जरी और थेरेपीज़ से गुज़रे। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी हालत के बारे में पारदर्शिता बनाए रखी और लोगों को पॉजिटिव सोचने की प्रेरणा दी।
उनके इलाज में लगने वाले भारी खर्च को देखते हुए उनके दोस्तों और फैन्स ने मिलकर फंडरेज़िंग अभियान चलाए। सौम्या टंडन, मोहित मलिक और अन्य कई कलाकारों ने उनकी मदद के लिए आगे बढ़कर समर्थन किया।
अंतिम विदाई और विरासत
लगभग तीन साल तक कैंसर से बहादुरी से लड़ते हुए, विभु राघवे ने 2 जून 2025 को मुंबई के नानावटी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे मात्र 37 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर ने टीवी और फिल्म इंडस्ट्री को गहरे शोक में डाल दिया।
उनकी अंतिम यात्रा में कई साथी कलाकार जैसे मोहसिन खान, अनेरी वजानी, सिम्पल कौल आदि शामिल हुए। सौम्या टंडन ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश लिखा:
“हमने प्लान बनाए थे… हमें लगा था कि हमारे पास समय है…”
एक प्रेरणा, एक स्मृति
विभु राघवे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके जज्बे, सकारात्मकता और मेहनत की यादें हमेशा जीवित रहेंगी। उन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी कभी हार नहीं मानी।
उनकी कहानी हमें न केवल जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे दोस्ती, प्यार और समर्थन किसी भी कठिनाई को आसान बना सकते हैं।