आज अगर हम टीवी और ओटीटी की दुनिया के सबसे भरोसेमंद और शानदार कलाकारों की बात करें, तो राम कपूर का नाम उस लिस्ट में जरूर आएगा। लेकिन यह सफलता उन्हें एक रात में नहीं मिली। उनका सफर कठिन था, संघर्षों से भरा हुआ था और रास्ते में कई रिजेक्शन भी मिले। राम कपूर की कहानी उन हजारों स्ट्रगलिंग एक्टर्स के लिए प्रेरणा है जो मायानगरी मुंबई में अपने सपनों को साकार करने निकले हैं।
राम कपूर की शुरुआत: एक आर्मी स्कूल से एक्टिंग तक
राम कपूर का जन्म 1 सितंबर 1973 को जोधपुर (राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता अनिल कपूर एक एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग प्रोफेशनल थे। राम की पढ़ाई शेरवुड कॉलेज, नैनीताल में हुई — जो एक रेजिडेंशियल बॉयज़ स्कूल है। वहीं उन्हें पहली बार थिएटर का अनुभव हुआ और यहीं से उनके अभिनय के प्रति प्रेम ने जन्म लिया।
राम कपूर ने आगे की पढ़ाई लॉस एंजेलिस, अमेरिका के UCLA से की, जहाँ उन्होंने थिएटर और फिल्म का प्रोफेशनल कोर्स किया। वहां की ट्रेनिंग ने उनके अंदर के कलाकार को और निखारा, लेकिन जब वो भारत लौटे, तो ग्लैमर वर्ल्ड में जगह बनाना उतना आसान नहीं था।
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रिजेक्शन का दौर: जब राम कपूर को लगातार नकारा गया
राम कपूर जब इंडस्ट्री में वापस लौटे, तो उनका लुक, उनकी बॉडी और उनकी परफॉर्मेंस, तीनों ही चीज़ें आम हीरो की ‘टाइपकास्ट’ से अलग थीं। उस समय इंडस्ट्री में लंबा, दुबला और छरहरा हीरो ही ‘लीड’ मटेरियल माना जाता था। राम कपूर का भारी शरीर और गंभीर व्यक्तित्व कई डायरेक्टर्स को उनकी ओर आकर्षित नहीं करता था।
1997-2000 के बीच राम कपूर ने कई बार ऑडिशन दिए — फिल्मों, सीरियल्स और विज्ञापनों के लिए — लेकिन उन्हें या तो ‘साइड रोल’ की पेशकश होती थी या फिर पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया जाता था। उन्हें कई बार ये भी कहा गया कि “तुम्हारा चेहरा हीरो जैसा नहीं है” या “तुम कैमरा फ्रेंडली नहीं हो।”
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
ब्रेकथ्रू: जब टीवी ने पहचाना राम कपूर का असली टैलेंट
2000 में राम कपूर को पहला बड़ा मौका मिला Zee TV के शो “गहराई” में। इसके बाद उनका करियर कुछ रफ्तार पकड़ने लगा, लेकिन असली ब्रेक मिला 2006 में Ekta Kapoor के शो “कसम से” से, जिसमें उन्होंने ‘जय वालिया’ का किरदार निभाया। इस किरदार ने उन्हें घर-घर में पॉपुलर बना दिया। उनके स्टाइल, डायलॉग डिलीवरी और परिपक्व परफॉर्मेंस ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
Ekta Kapoor ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था,
“राम कपूर एक सोचने वाला एक्टर है। वह स्क्रिप्ट में जान डालता है, न कि सिर्फ एक्टिंग करता है।”
‘कसम से’ के बाद ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ ने उन्हें छोटे पर्दे का सुपरस्टार बना दिया। साक्षी तंवर के साथ उनकी जोड़ी आज भी टीवी की सबसे यादगार जोड़ियों में गिनी जाती है।
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बॉलीवुड और ओटीटी का दरवाजा खुला
टीवी की सफलता के बाद राम कपूर ने फिल्मों की ओर रुख किया। उन्होंने “उड़ान“, “स्टूडेंट ऑफ द ईयर“, “लवयात्रि“, और “ठंकराल“ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग लेकिन प्रभावशाली भूमिकाएं निभाईं। हालांकि उन्हें लीड रोल नहीं मिले, लेकिन उनके एक्टिंग स्किल्स की हर जगह सराहना हुई।
राम कपूर ने समय के साथ ओटीटी की दुनिया में भी खुद को स्थापित किया। “अभय“, “ह्यूमन“, और “अब दिल्ली दूर नहीं“ जैसी वेब सीरीज में उन्होंने पूरी गंभीरता और रियलिज़्म के साथ किरदार निभाए। खास बात यह है कि यहां उन्होंने नेगेटिव और ग्रे शेड्स भी एक्सप्लोर किए, जिससे उनका रेंज और भी ज्यादा विस्तार हुआ।
फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन: जिसने सबको चौंका दिया
राम कपूर ने सिर्फ एक्टिंग में ही नहीं, अपनी पर्सनल लाइफ में भी खुद को बार-बार रिडिफाइन किया। 2019 में उनकी फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। उन्होंने 30 किलो वजन घटाया और खुद को एक नए अवतार में पेश किया। इस ट्रांसफॉर्मेशन ने उन सभी को मोटिवेट किया जो उम्र या शरीर के बहाने खुद को सीमित मान लेते हैं।
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राम कपूर की कहानी क्यों है खास?
राम कपूर की कहानी एक ‘ट्रू अंडरडॉग’ की कहानी है। वो न हीरो जैसे दिखते थे, न उन्हें लॉन्च करने कोई बड़ा नाम खड़ा था। लेकिन अपनी मेहनत, डेडिकेशन और स्किल से उन्होंने वो मुकाम पाया, जहां अब डायरेक्टर्स उन्हें रोल के लिए तलाशते हैं, न कि वे डायरेक्टर्स के चक्कर लगाते हैं।
राम कपूर का स्ट्रगल फेज हमें ये सिखाता है कि अगर टैलेंट और धैर्य हो, तो रिजेक्शन भी एक दिन एक्सेप्टेंस में बदल जाता है। और यही कारण है कि आज वे सिर्फ एक टीवी एक्टर नहीं, बल्कि एक आइकन बन चुके हैं।