बॉलीवुड की दुनिया में कई प्रेम कहानियाँ अधूरी रह जाती हैं, लेकिन कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं जो वक्त गुजर जाने के बाद भी दिलों को छू जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी थी अभिनेता संजीव कुमार और ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी की।
कहते हैं, प्यार अचानक होता है। कुछ ऐसा ही हुआ जब संजीव कुमार और हेमा मालिनी एक फिल्म की शूटिंग के दौरान एक-दूसरे के करीब आए। संजीव कुमार बेहद संजीदा और संवेदनशील अभिनेता थे, और हेमा उस दौर की सबसे चर्चित और व्यस्त अदाकारा। दोनों के बीच एक गहरा जुड़ाव बना—जो समय के साथ शादी के विचार तक पहुँच गया।
लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब संजीव कुमार के परिवार ने यह शर्त रख दी कि हेमा को शादी के बाद फिल्में छोड़नी होंगी। वे चाहते थे कि उनकी बहू सिर्फ घर संभाले, बच्चों की परवरिश करे और पारंपरिक घरेलू जीवन जिए। वहीं हेमा उस दौर की एक स्वतंत्र, महत्वाकांक्षी और करियर को लेकर स्पष्ट सोच रखने वाली महिला थीं।
यह टकराव केवल दो इंसानों के बीच नहीं था, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के बीच की लड़ाई थी। हेमा के लिए अपना करियर छोड़ना मुमकिन नहीं था और संजीव अपने परिवार के विरुद्ध नहीं जा सके।
नतीजा? एक खूबसूरत रिश्ता टूट गया। न कोई शिकवा, न कोई शिकायत—पर एक खामोशी ज़रूर रह गई।
संजीव कुमार ने जीवनभर विवाह नहीं किया। उनका अकेलापन, उनकी संवेदनशीलता में झलकता रहा। हेमा ने बाद में अपने जीवन को आगे बढ़ाया, लेकिन इस अधूरी प्रेम कहानी की यादें आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं।